अगर आपको जानना है की कोहबर क्या होता है तो हमने अंत में बताया भी है आप उसे पढ़ सकते है |
Kohbar Shayari in Hindi
कोहबर आनन्द-आनन्द सारी दुनियाँ जी॥चाचा केच रन छू के चढ़ि जा बाबू डोली जी।चाची के चरन छू के चढ़ि जा बाबू डोली जी।
इन दोनों के दिल में बेचैनी भी है और करार भी हैथोड़ी घबड़ाहट है चेहरे पर, तो दिल में थोड़ा प्यार भी है.
हमारे चले जाने के बाद,ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,कहा चला गया वो शख्सजो तन्हाई मे आ कर,बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था…
कोहबर आनन्द-आनन्द सारी दुनियाँ जी॥बुआ के आशिस लेकर चढ़ि जा बाबू डिली जी।
सात फेरों ने आप दोनों को हमेशा के लिए अपना बनाया हैसगे-सम्बन्धियों ने आप पर अपार स्नेह बरसाया हैमानो आपके जीवन को खुद ईश्वर ने अपने हाथों से सजाया है.
आपकी जोड़ी सलामत रहे;जीवन में बेशुमार प्यार भरा रहे,हर दिन आप ख़ुशी से मनाये;आपको शादी हार्दिक शुभकामनाएं!
शादी है ख़ुशी का गीत,दूल्हा-दुल्हन के प्यार का संगीत,ये लम्हा लेकर आता है हर पल ख़ुशी का,जिन्दगी भर के लिए वो बन जाते हैं मनमीत.
दो साथी आज मिल रहे हैं, फिर न कभी बिछड़ने के लिएहाथों में एक-दूजे का हाथ लेकर, नित नये सपने गढ़ने के लिए.
हमारी किसी बात से खफा मत होना,नादानी से हमारी नाराज़ मत होना.पहली बार चाहा है हमने किसी को इतना,चाह कर भी कभी हमसे दूर मत होना..
मुबारक हो तुमको ये शादी तुम्हारी,सदा खुश रहो तुम दुआ है हमारी…
बूँद की प्यास हो और नदी मिल जायेवर-वधू को जहाँ भर की ख़ुशी मिल जाये
सूरज के बिना सुबह नही होती,चाँद के बिना रात नही होती,बादल के बिना बरसात नही होती,आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नही होती…
यार बना है दूल्हा आज,
सजा है उसका सहरा,
लगा है खुशियों का अम्बार,
खुश रहे तू मेरे यार।
बधाइयों का लगा रहे अम्बार,
आज का दिन बने जैसे कोई त्यौहार,
बरसे मेरे दोस्त पर साथी का प्यार,
शादी मुबारक हो तुझे मेरे यार।
दूल्हा सजा है सूट-बूट में,
निकला लेकर घोड़े संग बरात,
मिलेगी उसको चांद-सी दुल्हन,
महकी फूलों-सी ये रात।
उम्मीद है आपको हमारी Kohbar Shayari in Hindi या कोहबर शायरी पसंद आई होंगी | अगर आपके पास भी कोहबर शायरी इन हिंदी और शादी अभिनंदन शायरी हो तो हमारे साथ शेयर करना मत भूलना |
कोहबर क्या होता है?
कोहबर वह स्थान होता है जहाँ शादी के बाद वर-वधु या दूल्हा दुल्हन को विवाह मंडप से उठने के बाद बैठाकर पूजा कर विवाह की आखिरी रस्म निभाई जाती है. कोहबर रीती में अच्छे डिज़ाइन में कलाकृति बनाई जाती है कोहबर चित्रकला में नैसर्गिक रंगों का प्रयोग होता है, मसलन लाल, काला, पीला, सफेद रंग पेड़ की छाल व मिट्टी से बनाए जाते हैं। और दूल्हा दुल्हन के लिए कुछ पंक्तियाँ लिखी जाती है. इन कार्यक्रमों के दौरान कुछ विशेष संस्कार-गीत भी गाये जाते हैं जिन्हें कोहबर गीत कहते हैं
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